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4-2-90 उत्करादिभ्यश् छः

प्रथमावृत्तिः

TBD.

काशिका

उत्कर इत्येवम् आदिभ्यः छः प्रत्ययो भवति चातुरर्थिकः। यथासम्भवम् अर्थसम्बन्धः। उत्करीयम्। शफरीयम्। उत्कर। संफल। शफर। पिप्पल। पिप्पलीमूल। अश्मन्। अर्क। पर्ण। सुपर्ण। खलाजिन। इडा। अग्नि। तिक। कितव। आतप। अनेक। पलाश। तृणव। पिचुक। अश्वत्थ। शकाक्षुद्र। भस्त्रा। विशाला। अवरोहित। गर्त। शाल। अन्य। जन्य। अजिन। मञ्च। चर्मन्। उत्क्रोश। शान्त। खदिर। शूर्पणाय। श्यावनाय। नैव। बक। नितान्त। वृक्ष। इन्द्रवृक्ष। आर्द्रवृक्ष। अर्जुनवृक्ष। उत्करादिः।

Ashtadhyayi (C.S.Vasu)

TBD.

लघु

बालमनोरमा

1290 उत्करादिभ्यश्छः। `चातुरर्थिक' इति शेषः। उत्करीय इति। देशविशेषोऽयम्। उत्करेण निर्वृत्तमिति वा, तस्य निवासः, तस्य अदूरभव इति वा।

तत्त्वबोधिनी

Satishji's सूत्र-सूचिः

TBD.